टीकाकरण से वंचित रह गए बच्चों का 11 सितंबर से कराया जायेगा टीकाकरण
बस्ती। 11 सितम्बर से आयोजित हो रहे मिशन इंद्रधनुष टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण से वंचित रह गए बच्चों का टीकाकरण कराया जाएगा। विकास भवन सभागार में शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग व सहयोगी संस्था यूनिसेफ ने बैठक कर तैयारियों पर चर्चा किया। विकास भवन के सभागार में सीडीओ डॉ. राजेश कुमार प्रजापति की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन हुआ। इसी के साथ बच्चों को टीका न लगवाने वाले लगभग 500 परिवारों को नियमित टीकाकरण के फायदे व टीका न लगवाने से होने वाले नुकसान बताकर टीकाकरण कराया जाएगा। हैं।
सीडीओ ने कहा कि हर हाल में शत प्रतिशत बच्चों को प्रतिरक्षित किया जाना है। स्वास्थ्य विभाग की जो बीआरटी (ब्लॉक रिस्पांस टीम) तैयार की गई है, वह आईसीडीएस विभाग का भी सहयोग ले। टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों की काउंसिलिंग करके उन्हें टीका लगवाने के लिए राजी किया जाए। कहा कि यूनिसेफ ने उदासीन परिवारों की सूची तैयार कराई है। जिन ब्लॉकों में यूनिसेफ काम नहीं कर रहा है, वहां पर स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभाग यह जिम्मेदारी निभाएं।
डीआईओ डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि 11 सितम्बर से विशेष टीकाकरण कार्यक्रम मिशन इंद्रधनुष संचालित किया जा रहा है। जो बच्चे किसी कारण से नियमित टीकाकरण से छूट गए हैं, या किसी बच्चे को कोई विशेष टीका नहीं लगा है, उन्हें उक्त टीका लगाया जाएगा।
यूनिसेफ के मंडलीय कोआर्डिनेटर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नियमित टीकाकरण की बदौलत हम अब तक कई गम्भीर बीमारियों को समाप्त करने में कामयाब हुए हैं। आने वाले दिनों में कुछ और बीमारियों का देश से उन्मूलन किया जाना है। इसके लिए जरूरी है कि सभी बच्चों को समय से सभी टीका जरूर लगे।
यूनिसेफ की डीएमसी नीलम ने बताया कि लोगों को बताने की जरूरत है कि सरकारी अस्पताल में लगने वाला टीका पूरी तरह सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण व कारगर है। प्राइवेट में इसी टीके के लिए हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। यूएनडीपी के कोल्ड चेन प्रबंधक हरेंद्र मिश्रा ने टीकों को सुरक्षित रखने के तरीके के बारे में बताया, कहा कि कोल्ड चेन बॉक्स में बताए गए तरीके से अगर टीका रखा जाएगा तो वह कभी खराब नहीं होगा। ओपेन वॉयल पॉलिसी के बारे में विस्तार से जानकारी दिया।
नगरीय स्वास्थ्य के नोडल ऑफिसर डॉ. एके कुशवाहा, जिला समन्वयक नगरीय स्वास्थ्य सचिन चौरसिया, सभी ब्लॉकों के बीपीएम, बीसीपीएम, सुपरवाईजर व मेडिकल ऑफिसर मौजूद रहे।