मौसमी बीमारियों के साथ टीबी व कोविड पर होगा नियंत्रण
जुलाई माह में चलेगा विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान
बस्ती। पहली जुलाई से एक बार फिर विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरूआत होगी। यह अभियान 31 जुलाई तक चलेगा। इसी के साथ 16-31 जुलाई तक दस्तक अभियान भी चलाया जाएगा। इस अभियान के दौरान मौसमी बीमारियों पर रोकथाम के प्रयास के साथ ही टीबी व कोविड के संभावित रोगियों का पता लगाकर उनका इलाज कराया जाएगा। यह अभियान इस वर्ष दूसरी बार चलने जा रहा है।
एसीएमओ वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम डॉ. एफ हुसैन ने बताया कि पिछले चार सालों से लगातार विशेष संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान का सफलता पूर्वक संचालित किया जा रहा है। इस वर्ष अभियान का प्रथम चरण माह अप्रैल में संचालित किया जा चुका है। जुलाई में दिमागी बुखार व जापानीज इंसेफेलाइटिस (जेई) जैसी बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ जाती है, इसलिए यह अभियान काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विगत वर्षो में चलाए गए अभियान का असर दिखा है। इस समय जहां जेई के मामले लगभग समाप्त हैं, वहीं इससे होने वाली मौत पर भी अंकुश लगा है।
विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ नगर विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, पशुपालन विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार, शिक्षा विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग, सूचना विभाग व उद्यान विभाग को शामिल किया गया है।
टीबी व कोविड मरीजों की होगी पहचान
दस्तक अभियान के दौरान आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्री घर-घर जाकर टीबी के संभावित मरीजों की पहचान करेंगी। लंबे समय से बुखार, खांसी आदि की समस्या जैसे टीबी के लक्षण वाले लोगों का नाम, पता व मोबाइल नंबर सहित संपूर्ण विवरण एएनएम की मदद से ब्लॉक मुख्यालय को मुहैया कराएंगी। इसी के साथ बुखार के रोगियों, इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) रोगियों, कोपुषित बच्चों, तथा ऐसे मकान जिन मकान के अंदर मच्छरों का प्रजनन पाया गया हो, उसकी भी सूची वह उपलब्ध कराएंगी। बुखार से पीड़ित व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल में जांच व इलाज के लिए प्रेरित करेंगी। आशा कार्यकर्ता मौसमी बीमारियों से बचाव व उसके उपचार के संबंध में भी जानकारी देंगी।
ब्लॉक से जिला स्तर पर है इलाज की व्यवस्था
जेई/एईएस इलाज की व्यवस्था ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों से लेकर जिला स्तरीय अस्पतालों में है। एसीएमओ डॉ. एफ हुसैन ने बताया कि अगर किसी को तेज बुखार के साथ झटके आदि की समस्या है तो तत्काल 108 नंबर पर एंबुलेंस को फोन करें। सभी ब्लॉकों में इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर (ईटीसी) संचालित हैं। वहां पर आवश्यकता के अनुसार प्राथमिक इलाज के बाद मरीज को एम्बुलेंस की सहायता से मरीज को जिला अस्पताल के पीआईसीयू में भर्ती कराया जाएगा। गंभीर मरीज को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर किया जाएगा। इलाज की सभी सुविधा नि:शुल्क है।
वर्ष वार जेई/एईएस मरीजों का आंकड़ा-
वर्ष जेई मरीजों की संख्या जेई से मौत एईएस मरीजों की संख्या एईएस से मौत
2018 27 1 113 13
2019 9 0 80 11
2020 5 1 73 2
2021 0 0 35 0
2022 0 0 13 0

