चंबल विद्यापीठ परिसर में बच्चों ने बड़े धूम धाम से मनाया शिक्षक दिवस

 चंबल विद्यापीठ परिसर में बच्चों ने बड़े धूम धाम से मनाया शिक्षक दिवस 


चंबल विद्यापीठ परिसर में मंगलवार को बच्चों ने बड़े धूम धाम से शिक्षक दिवस मनाया। इस दौरान आदिल खान, चंबल वाले गुरु जी बताया कि कबीर दास जी कहते थे कि अगर कभी ऐसा मौका आए जब सामने शिक्षक और ईश्वर दोनों मौजूद हों तो पहले शिक्षक से आशीर्वाद लेना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके मुताबिक शिक्षक द्वारा मिले ज्ञान के बलबूते पर ही भगवान तक पहुंचने का रास्ता मिलता है। हालांकि, आज के समय में शिक्षक और छात्र के बीच का संबंध काफी बदल चुका है। वर्तमान समय में विद्यार्थी हर परेशानियों को शिक्षकों के साथ आसानी से साझा कर लेते हैं। और शिक्षक भी उन्हें सही रास्ता बताने की पूरी कोशिश करते हैं ।

डॉ. एस राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था. सन 1962 में जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला, तो छात्रों ने 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगने के लिए उनके पास पहुंचे. इसके बजाय, उन्होंने समाज में शिक्षकों के अमूल्य योगदान को स्वीकार करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया. डॉ. राधाकृष्णन ने एक बार कहा था कि "शिक्षकों को देश में सर्वश्रेष्ठ दिमाग वाला होना चाहिए." 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। ये दिन देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में उनके जन्मदिवस पर मनाया जाता है।

 वर्तमान समय में लगभग 80 बच्चे चंबल विद्या पीठ में नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं अभी हाल ही में आदिल खान जी को भारत वीर मुकुंदीलाल सम्मान से औरैया  में सम्मानित भी क्या गया था। कार्यक्रम के दौरान भगवान सिंह, सुरेश निषाद, भूरे, रेशू, मुकेश आदि मौजूद रहे। 

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