महाराजा सुहेल देव की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर बड़े ही धूमधाम मनाया गया विजय दिवस ![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiV4igdN2VFlmg5h0pnJLVEj2PfLkUSWlPpm53aAtJ1TPxXB1eg6nP4Eek_IvG7pmUW3qZMO1UWWnt6W3iZGS_nw8Qg31N8AK-AN8L0xh8o2F6x68SiwfsaXinmyI50Ny7lU6wju-T9wKaJ-RqIHrCbL4nMRgrGeMDlBBX-HFrgHffcomeClFOE6vU2fMc/s320/IMG-20240611-WA0030.jpg)
आनन्द धर द्विवेदी
बस्ती। कुदरहा विकास खंड के ब्लाक मुख्यालय पर के सामने लगे महाराजा सुहेल देव की प्रतिमा पर ब्लाक प्रमुख अनिल दूबे, शिव पूजन राजभर, व वीरेंद्र राजभर के नेतृत्व में माल्यार्पण कर धूमधाम से विजय दिवस मनाया गया।
इस अवसर पर वीरेंद्र राजभर ने बताया कि महाराजा सुहेलदेव का जन्म बहराइच में बसंत पंचमी के दिन हुआ था उनके माता का नाम विजयलक्ष्मी और पिता का नाम बिहारीलाल था महाराजा सुहेलदेव की शिक्षा दीक्षा योग्य गुरुजनों की देख रेख में संपन्न हुआ इनके युद्ध कौशल को देखते हुए 18 वर्ष की आयु में इनको सेनापति बना दिया गया महाराजा सुहेलदेव का साम्राज्य उत्तर में नेपाल से लेकर दक्षिण में कौशांबी तक फैला हुआ था। मोहम्मद गजनवी के भांजे सैयद सलार मकसूद गाजी देश को लूटते हुए अबलाओ की इज्जत के साथ खिलवाड़ करते हुए मंदिरों को तोड़कर कब्जा करते हुए बहराइच आ पहुंचा और जबरदस्ती किले पर आक्रमण कर उनके भाइयों को मार डाला यह सूचना जैसे ही महाराजा सुहेलदेव को मिली फिर उन्होंने अपने सीमा क्षेत्र में निवास कर रहे सभी 21 राजाओं को एकजुट कर नानपारा के मैदान में कई दिनों चल भीषण युद्ध के बाद मसूद सालार मकसूद गाजी को मार गिराया जो आज गाजी मियां के नाम से मशहूर हैं। महाराजा सुहेलदेव ने कई बार भगवान श्री राम के मंदिर को टूटने से बचाया था। हकीकत में भारत के सच्चे सपूत वही थे।
जहां पर साजन राजभर, दीपक राजभर, सुरेंद्र राजभर, सुनील राजभर, अंगद राजभर, नागेंद्र राजभर, रामगोपाल राजभर, सतिराम, संजय राजभर, पप्पू चौधरी, संदीप कनौजिया, शिवम मद्धेशिया, बलराम गौड़ अरविंद राजभर, बसंत, विजय, बाबूलाल, राम आसरे, श्रीराम राजभर, अजय कुमार, पप्पू राजभर, राम सुबह यादव, राधेश्याम राजभर, परशुराम राजभर, संदीप निषाद, संदीप राजभर सहित अन्य लोग भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।