मोबाइल फोन बना रहा बच्चों को बीमार- डॉ0 पी.के.पाण्डेय
(आनन्दधर द्विवेदी)
दुबौलिया। मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल हमारे बच्चों को मानसिक बीमार बना रहा है। मोबाइल स्क्रीन पर घंटो निहारने की लत से बच्चे और किशोर दिमागी तौर पर कमजोर होते जा रहे है। जिसका नतीजा मानसिक थकान, तनाव और बात बात पर गुस्से के तौर पर दिख रहा है। डॉ
पी के पांडेय के अनुसार काफी बच्चे इस समस्या से ग्रस्त मिले। इनमे सर्वाधिक दिक्कत 13 से 17 साल के किशोरो मे उभरी है। जिन्हे काउंसलिंग की बहुत जरूरत पड़ रही है। जितना जल्दी लत छुड़वा दें दिक्कत दूर हो जायेगी। डॉ पी के पांडेय के अनुसार बच्चे मोबाइल स्क्रीन बहुत समय तक न देंखे। तय समय में ही मोबाइल प्रयोग करें। अभिभावकों को मोबाइल की निगरानी करनी होगी। 3 साल से कम उम्र के बच्चों को स्क्रीन से पूरी तरह दूर रखें। कोरोनाकाल में आनलाईन पढ़ाई ने मोबाइल की लत लगाई, जिसके चलते स्कूल खुलने के बावजूद बच्चे मोबाइल नहीं छोड़ पा रहें है। बच्चों को मोबाइल फोन पर गेम, वेबसीरीज आदि न देखने दें। जरूरत पर शुरु मोबाइल का प्रयोग लत और बीमार बना रही है। इससे व्यवहार, जीवन-शैली और दक्षता पर बुरा असर पड रहा है। काउंसलिंग कराकर इस प्रकार की लत को छुड़ाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस तरह की लत या कोई भी मानसिक परेशानी होने पर कोई भी उनसे सलाह ले सकता है।