सीआईसी की बैठक में गूंजा गन्ना किसानों का मुद्दाः सदस्यों ने किया बहिष्कार

 सीआईसी की बैठक में गूंजा गन्ना किसानों का मुद्दाः सदस्यों ने किया बहिष्कार

बस्ती । बुधवार को जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय में केन इम्पलीमेशन कमेटी ‘सीआईसी’ की बैठक में गन्ना किसानों का मुद्दा प्रभावी ढंग से उठा। सन्तोषजनक उत्तर न मिलने पर समितियों के चेयरमैंन और संचालक सदस्यों, गन्ना किसानों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। यह जानकारी देेते हुये सहकारी गन्ना विकास समिति लिमिटेड विक्रमजोत के अध्यक्ष इ. सिद्धान्त कुमार सिंह ने बताया कि सीआईसी’ की बैठक प्रति माह दो बार आयोजित की जाती है जिससे गन्ना किसानों की समस्याओं का प्रभावी निस्तारण हो सके। बुधवार को बैठक चल रही थी कि मुण्डेरवा के चेयरमैन सुरेन्द्र राय ने अर्ली रिजेक्ट, सामान्य गन्ना पर्चियों का मुद्दा उठाते हुये कहा कि मनमाने ढंग से बिना किसी सक्षम आदेश के चीनी मिल द्वारा पर्चियों को डी ग्रेड करके तौल कराया जाता है जिससे गन्ना किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। जिस गन्ने को चीनी मिल ने पूर्व में अर्ली गन्ना कह कर किसानों से बुवाई करवाया बिक्री के समय उसी गन्ने को सामान्य और रिजेक्ट कहकर तौल कराया जा रहा है।

बैठक में इ. सिद्धांत कुमार सिंह, सुरेन्द्र राय, विनोद कुमार राय, दीवान चन्द पटेल, हरिशंकर पाण्डेय, सुनील, विनोद सिंह, प्रदीप सिंह, सतीश चन्द्र सिंह ने गन्ने की खरीदारी, ढुलाई, गन्ना किसानों से अवैध रूप से उतरवाई के लिये जाने धन लिये जाने, मसौधा चीनी मिल द्वारा गन्ना क्रय केन्द्र स्थापित न किये जाने के साथ ही अनेक मुद्दे उठाये। इस पर जिला गन्ना अधिकारी सुनील कुमार सवालों को बिफर पड़े, कहा कि किसी गन्ना क्रय केन्द्र पर किसानों से गन्ने की उतरवाई नहीं लिया जा रहा है। जब मामले के जांच की मांग किया गया तो वे भड़क गये और कहा कि ऐजेन्डे में इन लोगों को क्योें बुलाया गया। भविष्य में इन्हें बैठक में न बुलाया जाय। इस बार बात बढती चली गई और समितियों के चेयरमैन, संचालक और प्रगतिशील किसानों ने बैठक का यह कहकर बहिष्कार कर दिया कि जिला गन्ना अधिकारी चीनी मिल मालिकों की भाषा बोल रहे हैं। सदस्यों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि जिला गन्ना अधिकारी अपने मन माफिक बैठक कराना चाहते हैं।

केन इम्पलीमेशन कमेटी ‘सीआईसी’ की बैठक का बहिष्कार करने वालों में मुख्य रूप से विनोद कुमार मिश्र, डा. आर.पी. चौधरी, स्वामीनाथ, गौरीशंकर, चन्द्र प्रकाश चौधरी आदि शामिल रहे। इस सम्बन्ध में जिला गन्ना अधिकारी का पक्ष प्राप्त नहीं हो सका है

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