विधिवत पूजन अर्चन के साथ मनाया गया भगवान परशुराम का जन्मदिन
कप्तानगंज, बस्ती। पूरे देश में भगवान परशुराम का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। विभिन्न धार्मिक संस्थाओं द्वारा शोभायात्रा के माध्यम से कार्यक्रम को दिव्यता प्रदान की गई।
जिले में बस्ती सदर,हरैया, परशुरामपुर, कप्तानगंज, रुधौली सहित अन्य स्थानों पर भगवान परशुराम के जन्मदिवस के अवसर पर कार्यक्रम के आयोजन किए गए।
अयोध्या गोरखपुर हाईवे पर स्थित बाबा जागेश्वर नाथ मंदिर तिलकपुर में समिति के अध्यक्ष ओमकार मिश्र द्वारा परशुराम जयंती के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया एवं भगवान परशुराम के बारे में उपस्थित लोगों को बताया गया।
श्री मिश्र ने बताया कि भगवान परशुराम का जन्म ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के घर हुआ था। अक्षय तृतीया के पावन दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल 30 अप्रैल, 2025 को भगवान परशुराम का जन्मोत्सव मनाया गया। भगवान परशुराम का जन्म ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के घर हुआ था। उन्होंने कहा कि धर्म और सनातन की रक्षा के लिए भगवान परशुराम अपना सर्वस्व न्योछावर करते हुए सर्वजन का हित चाहने वाले ऋषि थे।
मंदिर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शिक्षक सच्चिदानंद मिश्र,आचार्य कपिल देव मिश्र, मुकेश मिश्र, मारकंडे मिश्र,राजमणि गिरी, बहादुर प्रजापति,सत्यम मिश्र सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
ब्राम्हण महासभा परिसर में भगवान परशुराम जन्मोत्सव का आयोजन
इसी क्रम में जिले के बस्ती ब्राह्मण महासभा परिसर स्थित निर्माणाधीन मंदिर में भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव पर हवन पूजन तथा विचार गोष्ठी करके प्रसाद वितरण किया गया।
कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष विवेकानंद मिश्र ने अक्षय तृतीया तथा भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि भगवान परशुराम जी का जीवन आज के संदर्भ में प्रासंगिक हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार शुक्ला ने कहा कि भगवान परशुराम जी का जीवन हमें सत्य के मार्ग पर चलने तथा गलत का पुरजोर विरोध करने की प्रेरणा देता है।
संस्थापक राष्ट्रीय महामंत्री मंत्री प0 शम्भू नाथ मिश्र ने कहा कि भगवान परशुराम ने जन कल्याण के लिए तमाम अत्याचारी, अनाचारी, दुर्व्यसनी राजाओं का वध करके पृथ्वी को पाप से मुक्त किया था। भगवान परशुराम ने पृथ्वी पर धर्म की स्थापना किया। भगवान परशुराम जी ने गुरुकुल के माध्यम से हजारों शिष्यों को शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा दी परन्तु आज हमारा दुर्भाग्य है कि वह गुरुकुल कालिन शिक्षा आज विलुप्त हो गयी है।जिसे पुनः संचालित करने की आवश्यकता है।
प्रदेश अध्यक्ष प्रशान्त पाण्डेय ने कहा कि भगवान परशुराम ने शस्त्र और शास्त्र दोनों को समान रूप से ज्ञानार्जन किया था अपने तप के बल पर ही तमाम अस्त्र-शस्त्र धनुष बाण अर्जित कर रखा था जो समय समय पर आतातायियो के विनाश के लिए राम, कृष्ण के साथ अन्य योग्य जनों को देते आयें हैं।
राष्ट्रीय संयुक्त मंत्री एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री डा0 वीरेन्द्र कुमार तथा विजय बिहारी तिवारी ने संयुक्त रूप से कहा कि भगवान परशुराम अभी भी जीवित ईश्वर के साक्षात प्रतिमूर्ति हैं हिमालय की कन्दराओं में साधना रत हैं ऐसा हमारे पुराणों में वर्णित है जो हम ब्राह्मणों के लिए प्रेरणा स्रोत है। मध्यकाल में वामपंथी लेखकों ने इतिहास लेखन के नाम पर भगवान परशुराम जी के विषय में तमाम निराधार बातें लिख कर समाज को भ्रमित करने का कार्य किया है जिसे आज दूर करने तथा सत्यता से समाज का अवगत करवाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पी एन दूबे, आलोक मिश्रा, गिरिश पाण्डेय, लल्लू पाण्डेय, अतुल भट्ट, रवि शुक्ल, उत्कर्ष त्रिपाठी,संजय शुक्ला, देवीदयाल,एस एन शुक्ल, राधेश्याम पाण्डेय,अनिल कुमार पाण्डेय, ब्रह्म सेवक पाण्डेय सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।