चाय,फुल्की,समोसा और पान बेचने वाले सैकड़ों निकले करोड़पति
कहा गया है कि पुलिस प्रशासन की पैनी नजर से बच पाना असंभव है इनकी आंख बहुत तेज होती है,जिसका परिणाम देखने को मिला कि कानपुर में सैकड़ों खोमचा और समोसा बेचने वाले व्यवसायियों ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। आयकर विभाग की टीम ने गहन छानबीन के बाद करीब 256 लोगों की सूची तैयार की है। जिन्होंने बिना टिन व जीएसटी का रजिस्ट्रेशन कराएं अपने छोटे से धंधे से बड़ी रकम कमाकर अपने परिजनों व रिश्तेदारों के नाम करोड़ों की जमीन खरीद ली एवं बड़ी संपत्ति को बना लिया।
हालांकि लोगों की नजर छोटा व्यवसाय करने वालों के ऊपर नहीं पड़ती लेकिन आयकर विभाग ने इनके ऊपर नजर गड़ाए रखी, जिससे इस जानकारी का खुलासा हो सका कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन न कराने के साथ ही एक पैसा भी सरकार के खजाने में जमा नहीं किया गया और महज 4 सालों में ₹375 करोड़ की संपत्ति की खरीदारी कर ली।
सूत्रों की माने तो यह संपत्तियां गुमटी,पी रोड, हुलागंज, स्वरूप नगर, बिरहाना, आर्य नगर सहित अन्य महंगे इलाकों में खरीदी गई हैं।इनमें से कुछ तो ऐसे हैं जो करीब 650 बीघे कृषि कि जमीन के मालिक हो गए। यह जमीन भी कानपुर नगर के ग्रामीण इलाके सरसौल, फर्रुखाबाद,ककवन,बिल्हौर सहित अन्य जगहों पर है। सामने वाली बात यह है कि ठेले खोमचे और पाने वालों की लाइफस्टाइल जीने का तौर तरीका व्यवहार इतना सरल होता है और इनके खर्च का दायरा भी बहुत कम होता है।जिसके चलते इन पर किसी की नजर नहीं जाती और चालाकी से यह दूसरे की आंख में धूल झोंक देते हैं और समाज व प्रशासन की नजर से बचने के लिए किसी बैंकों में छोटे-मोटे कर्ज लेकर के लोगों को दिखाने का काम करते हैं लेकिन क्या यही सच है।लालबंगला,बेकनगंज में दिखने लाले दो छोटे कबाड़ियों ने भी तीन संपतियां ऐसी खरीद ली जिसकी कीमतबाजार में 10 करोड़ से ऊपर है। कानपुर के हुए इस बड़े खुलासे से लोगों की आंखें खुल गई बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराए कानपुर शहर के करीब 65 व्यवसायियों ने कोविड-19 में करोड़ों रुपए कमाए हैं इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी के मुताबिक जब व्यक्ति की कमाई ज्यादा हो जाती है तो उसको बचाने का रास्ता खोजता है जिसमें वह अपने रिश्तेदारों के नाम या अन्य लोगों के नाम से जमीन आदि खरीद कर छोड़ देता है लेकिन आयकर विभाग की नजर से बच पाना मुश्किल हुआ और महज पैन कार्ड और आधार कार्ड से ही इन लोगों की शिनाख्त हो गई।