बस्ती: बूथ दिवस पर 1. 22 लाख बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाई गई।

 जरूर पिलाएं पोलियो की खुराक, पड़ोसी देशों में मौजूद है वॉयरस

- जिले के 3.39 लाख बच्चों को किया जाना है प्रतिरक्षित

- आज से घर-घर जाकर छूटे हुए बच्चों को दी जाएगी खुराक

बस्ती। पल्स पोलियो अभियान का आगाज रविवार को हुआ। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एफ हुसैन ने जिला महिला अस्पताल में आयोजि उदघाटन कार्यक्रम में फीता काटकर व बच्चे को पोलियो ड्राप पिलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिले भर में 1522 बूथ बनाए गए हैं, जहां पर शून्य से पांच साल तक के बच्चो ंको पोलियो की ड्राप पिलाई गई। लगभग 15 माह के बाद यह कार्यक्रम शुरू हो रहा है। इसे देखते हुए अधिकारियों ने लोगों से अपील किया है कि वह बच्चों को पोलियो की खुराक जरूर पिलाएं। वहीं आज बूथ दिवस पर कुल 1. 22 लाख बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाई गई।

डॉ. एफ हुसैन ने बताया कि भारत को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 27 मार्च 2014 को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया है। लेकिन देश में पोलियो के दोबारा आने का खतरा अब भी है । सुरक्षा चक्र बनाए रखने का एक ही उपाय है कि बच्चों को पोलियो का ड्रॉप अवश्य पिलाएं। 20 मार्च से शुरू हो रहा यह अभियान 28 मार्च तक चलेगा और इस दौरान 3.39 लाख बच्चों को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य है।

उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देशों में पोलियो के वायरस मौजूद हैं। इजरायल में वर्ष 1989 के बाद वर्ष 2022 में फिर से पोलियो के केस मिले हैं। पोलियो का वैश्विक खतरा पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। 

एसीएमओ डॉ. सीके वर्मा, डॉ. राकेश मणि, डॉ. एके कृशवाहा, डॉ. तैयब अंसारी एसएमओ विश्व स्वास्थ्य संगठन डॉ. स्नेहिल परमार, यूनिसेफ के डीएमसी आलोक राय, रोटरी क्लब ग्रेटर अध्यक्ष एलके पांडेय, सचिव मुनीरूद्दीन सहित अन्य मौजूद रहे। 

जन्म के समय से दिया जाता है पोलियो ड्राप

डॉ. हुसैन ने बताया कि पल्स पोलियो का ड्रॉप भारत सरकार की ओर से नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है।  ड्रॉप जन्म के समय से दिया जाता है। इसके बाद छह, 10 और 14 सप्ताह पर भी यह ड्रॉप पिलाई जाती है। इसका बूस्टर डोज 16 से 24 महीने की आयु में भी दी जाती है। पोलियो एक अत्यधिक संक्रामक वायरल रोग है जो पांच साल से कम आयु के बच्चों को प्रभावित करता है।  यह आंत में पनपता है और वहां से तंत्रिका तंत्र में पहुंच कर पक्षाघात उत्पन्न करता है। वर्ष 1998 के बाद पोलियो के मामलों में वैश्विक स्तर पर 99.9 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है, लेकिन जब तक विश्व के किसी भी देश में इसका वायरस बचा हुआ है, सभी देशों को सतर्क रहना होगा। 

यह हैं प्रारंभिक लक्षण

बुखार, थकान, सिरदर्द, उल्टी, गर्दन की अकड़न और अंगों में दर्द होना। 

रोटरी क्लब ग्रेटर की ओर से साईं मंदिर चईयाबारी में पोलियो बूथ का संचालन किया गया। बूथ का उदघाटन जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एफ हुसैन ने किया। उन्होंने कहा कि देश से पोलियो को समाप्त करने में स्वंय सेवी संगठनों का बड़ा रोल रहा है। आज भी अभियान में संगठन के लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। मलिन बस्तियों में इस प्रकार के बूथ का आयोजन अभियान की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है


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