बस्ती की बेटी नीलू को दर्द भी नहीं रोक सका पदक जीतने से

 बस्ती की बेटी नीलू को दर्द भी नहीं रोक सका पदक जीतने से

गुरुग्राम में चल रही सिविल सर्विसेज एथलेटिक मीट

काशी की ट्रैक परी ने लंबी कूद में जीता रजत पदक

स्लिप डिस्क के साथ ही सूजे हुए घुटनों से परेशान हैं नीलू

वाराणसी। सूजे हुए घुटनों में असहनीय दर्द और स्लिप डिस्क की समस्या के बावजूद नीलू मिश्रा ने हरियाणा में चल रहे सिविल सर्विसेज एथलेटिक मीट में लंबी कूद में रजत पदक जीत लिया। यहां नीलू के रूप में नीलू का पहला पदक है।

केंद्रीय सिविल सेवा सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा बोर्ड की ओर से आयोजित इस प्रतियोगिता में नीलू 45 से 60 आयु ( वेटरन वर्ग) में शिरकत कर रहीं हैं। नीलू ने 3.86 मीटर की कूद लगाकर रजत पदक जीता। वह पहले स्थान पर रहने वाली दिल्ली की रोशनी से महज चार सेंटीमीटर (3.90 मी.) ही पीछे रहीं। जबकि तीसरे स्थार उत्तराखंड की बसंती (3.61 मी.) रहीं। 

मेडल जीतने के बाद नीलू ने फोन पर बताया कि चार-पांच महीने मतदाता जागरूकता में अथक परिश्रम के बाद मैंने प्रतियोगिता में भाग लेने की सोचा था। मतदाता जागरूकता के दौरान ही मुझे स्लिप डिस्क हो गई। इसके बावजूद मैं प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंची। मैं यहां सात बार से पदक जीतती आ रही हूं। मेरा मानना है कि प्रतियोगिता में पदक जीतने से बेहतर इसमें भाग लेना जरूरी है। यही सोचकर मैं यहां आई। चूंकि दवा चल रही थी, इसलिए आज कुछ बेहतर महसूस कर री थी। मैंने अपने डॉक्टर अजीत सैगल को संपर्क किया तो उन्होंने मुझे बगैर किसी एक्स्ट्रा एफर्ट के इवेंट में भाग लेने की अनुमति दे दी। इससे मेरा हौसला बढ़ा और मैं कूद गई।

गौरतलब है कि नीलू राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अबतक 82 मेडल जीत चुकी हैं।

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