बस्ती: परिवार नियोजन में अंतरा बना महिलाओं की पहली पसंद, गर्भाशय, अंडाशय व स्तन कैंसर से भी होता है बचाव

 परिवार नियोजन में अंतरा बना महिलाओं की पहली पसंद

गर्भाशय, अंडाशय व स्तन कैंसर से भी होता है बचाव

बस्ती। गर्भनिरोधक अस्थायी साधनों में त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन महिलाओं की पहली पसंद बना हुआ है। छोटा व खुशहाल परिवार के लिए व तमाम तरह की शारीरिक परेशानियों से निजात दिलाने में अस्थायी गर्भनिरोधक साधनों की भूमिका अहम है। अंतरा इंजेक्शन जहां दो बच्चों के अंतर रखने में कारगर है, वहीं गर्भाशय, अंडाशय व स्तन कैंसर से भी रक्षा करता है।

एसीएमओ रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ (आरसीएच) डॉ. सीके वर्मा का कहना है कि बार-बार गर्भपात कराने से कमजोर होते शरीर, अस्पताल के चक्कर लगाने के बजाए अस्थायी साधनों का इस्तेमाल समझदारी का काम है। इन साधनों में अंतरा इंजेक्शन व छाया गोली उपलब्ध है। इसके इस्तेमाल से एनीमिया व कैंसर से भी बचाव होता है। छाया गोली के सेवन से माहवारी सामान्य होती है और अधिक दिनों के अंतराल पर होती है। खून का बहाव कम होने से एनिमिक महिलाओं के लिए यह फायदेमंद है। अंतरा में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन्स होता है जो गर्भाशय, अंडाशय व स्तन के कैंसर से बचाव में सहायक है। यह दोनों साधन स्वास्थ्य इकाईयों पर उपलब्ध हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में जनपद में  29858  छाया गोली व 5241 अंतरा इंजेक्शन का डोज इस्तेमाल कर परिवार खुशहाल जीवन जी रहा है।

स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ शीबा अशरफ़ खान का कहना है कि महिला का शरीर हर महीने गर्भ के विकास के लिए तैयार होता है।   अंतरा इंजेक्शन के बाद हर माह गर्भाशय तैयार नहीं होता है , कुछ समय माहवारी अनियमित होने के साथ बंद भी हो जाती है। इससे यह पता चलता है कि अंतरा  सही ढंग से काम कर रहा है। जब महिला पुन: गर्भधारण करना चाहेगी और अंतरा विधि को बंद करेगी तो माहवारी चक्र पुन: शुरू हो जाएगा ।

छाया गोली के फायदे

- हारमोन रहित एक गर्भनिरोधक गोली है। 

- बाज़ार में सहेली के नाम से भी उपलब्ध है। 

- इसके उपयोग का कोई दुष्प्रभाव नहीं है। 

- उल्टी, वजन बढ़ना, सूजन, अधिक रक्तस्राव की नहीं होती समस्या।

- बच्चों में अंतराल के लिए गोली एक बेहतर विकल्प। 

- स्तनपान कराने व न कराने वाली महिलाएं कर सकती हैं इस्तेमाल। 

छाया गोली कब और कौन लें -

- माहवारी के पहले दिन से ही इस्तेमाल करना चाहिए। 

- पहले तीन महीने तक सप्ताह में दो दिन, तीन माह बाद सप्ताह में एक बार लें।

- गर्भवती को छोड़ 15-49 वर्ष की महिलाएं 

- कोई भी महिला जिसे बच्चे हों या न हों। 

- जिन महिलाओं को माला एन, माला डी से दुष्प्रभाव हुआ हो।  

- मां के दूध की मात्रा या गुणवत्ता पर नहीं होता प्रभाव। 

अंतरा के लाभार्थी को जानिये

- किशोरावस्था से लेकर 45 वर्ष की महिला (चाहे उन्हे बच्चे हों अथवा नहीं) 

- जिन्हें हाल ही में गर्भपात हुआ हो।  

- स्तनपान कराने वाली महिला (प्रसव के छह सप्ताह बाद)

- एचआईवी से संक्रमित महिला (चाहे इलाज करा रही हो अथवा नहीं) 

अंतरा का सही समय 

- प्रसव के छह सप्ताह बाद

- माहवारी शुरू होने के सात दिन के अंदर

- गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर

अंतरा से लाभ

- तीन महीने में सिर्फ एक बार लेने की अवश्यकता होती है। 

- जो महिलाएं गोली नहीं खा सकतीं। 

- इसे बंद करने के पश्चात गर्भधारण में कोई समस्या नहीं होती। 

- कुछ मामलों में माहवारी के ऐंठन को कम करता है। 

- पहले से चल रही किसी भी दवा के साथ इसे लिया जा सकता है। 

- गर्भाशय व अंडाशय के कैंसर से बचाता है।


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