बस्ती: धर्मगुरुओं की बैठक में हुई आरआई व कोविड टीकाकरण पर चर्चा

 स्वस्थ्य रहने के लिए समय पर टीकाकरण है जरूरी

- धर्मगुरुओं की बैठक में हुई आरआई व कोविड टीकाकरण पर चर्चा


बस्ती। नियमित व कोविड टीकाकरण शत-प्रतिशत कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने धर्म गुरुओं के साथ एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में बैठक की। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्वास्थ्य के लिए टीकाकरण की आवश्यकता बताते हुए धर्मगुरुओं से सहयोग की अपील की। सभी ने टीकाकरण के लिए लोगों को जागरूक करने में  सहयोग का आश्वासन दिया। 

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एफ हुसैन ने कहा कि किसी भी देश की खुशहाली तभी संभव है, जब उस देश के नागरिक स्वस्थ हों। स्वस्थ रहने के लिए समय पर टीकाकरण बहुत जरूरी है। टीकाकरण के प्रति  फैली भ्रांतियों को मिटाकर ही शत-प्रतिशत टीकाकरण कराया जाना संभव होगा। इस अभियान में धर्मगुरुओं की बड़ी भूमिका हो सकती है। 

डॉ. हुसैन ने कहा कि धार्मिक आयोजन में कुछ समय निकालकर लोगों को बताए कि बीमारियों से बचाव के लिए ही टीका लगाया जाता है। अपने बच्चों का नियमित टीकाकरण जरूर कराएं। जिन लोगों ने कोविड का टीका नहीं लगवाया है , या जिनको कोविड टीके की दूसरी डोज नहीं लगी है, वह अविलंब कोविड का टीका अपने नजदीकी अस्पताल में जाकर नि:शुल्क लगवा सकते हैं। 

13 बीमारियों से होता है बचाव

जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि नियमित टीकाकरण  पूरा होने पर 13 बीमारियों से बचाव होता है। जिला अस्पताल, सीएचसी व एएनएम सेंटर के अलावा बुधवार व शनिवार को आयोजित होने वाले सत्र में नियमित टीका लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लगभग दो प्रतिशत लोग ही टीकाकरण कराने में हिचकिचाते हैं, उन्हें जागरूक करने की जरूरत है।

यूनीसेफ के रीजनल कोआर्डिनेटर मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिन लोगों ने कोविड टीके की दोनों डोज लगवा ली है, उन्हें कोविड का संक्रमण होने पर विशेष प्रभाव नहीं दिखा है। प्रतिरक्षित लोंगों की मृत्यु के मामले भी नहीं के बराबर हैं। एसीएमओ आरसीएच डॉ. सीके वर्मा ने कहा कि नियमित टीकाकरण से कुपोषण का से भी बचाव होता है। कुपोषित बच्चों के ही ज्यादा बीमार होने की आशंका होती है। 

जिला मलेरिया अधिकारी आईए अंसारी ने कहा कि जेई टीकाकरण के कारण जिले में जेई से मौत के मामले  रूके हैं। विशेष संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान के चार साल के प्रयास का अच्छा परिणाम रहा है। बच्चों को जेई का टीका जरूर लगवाएं व मच्छरों से बचाव करें।

नगरीय स्वास्थ्य मिशन के नोडल ऑफिसर डॉ. एके कुशवाहा, यूनीसेफ की डीएमसी अनीता सिंह, यूनीसेफ की सहयोगी संस्था एआईएच के जिला समन्वयक अनुराग, धर्मगुरु मुश्ताक अली, मो. अनवर, करीमुद्दीन, राजेश मिश्र और राम चंद्र यादव कार्यक्रम में प्रमुख तौर पर मौजूद रहे। 

तंदरूस्ती सबसे बड़ी अल्लाह के नेमत है

जामिया हनफिया रहमतगंज के शिक्षक शमशाद खान ने कहा तंदरूस्ती अल्लाह की सबसे बड़ी नेमत है। इसके लिए जरूरी है कि बच्चों को समय पर टीकाकरण कराया जाए। बैठक में जो बातें बताई गई हैं, उसका जिक्र वह अपने धार्मिक आयोजनों में भी करेंगे। धर्मगुरुओं की बात का लोगों पर विशेष प्रभाव पड़ता है, इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद है कि धर्मगुरुओं की अपील का विशेष असर देखने को भी मिलेगा। 

यह टीके लगना है जरूरी

- जन्म के तुरंत बाद-हेपेटाइटिस बी, पोलियो, बीसीजी

- छह सप्ताह पर-पोलियो, रोटा वॉयरस, आईपीवी, पीसीवी, पेंटावेलेंट

- 10 सप्ताह पर- पोलियो, रोटा वॉयरस, पेंटावेलेंट 

- 14 सप्ताह पर- पोलियो, रोटा वॉयरस, पीसीवी, पेंटावेलेंट

- नौ माह पर- विटामिन ए, एमआर, जेई, पीसीवी बूस्टर

- 16-24 माह- विटामिन ए, ओपीवी, एमआर, जेई, डीपीटी

- पांच वर्ष- डीपीटी बूस्टर






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