जानिए उत्तर प्रदेश सरकार में गेहूं खरीद के लिए क्या है नियम, कैसे किसान अपना गेहूं बेंच सकते हैं

जानिए उत्तर प्रदेश सरकार में गेहूं खरीद के लिए क्या है नियम, कैसे किसान अपना गेहूं बेंच सकते हैं

गेहूं गेहूँ खरीद योजना 


नोडल विभाग :- खाद्य एवं रसद विभाग

वर्ग - किसान

प्रस्तावना

- इस योजना का लाभ सिर्फ उत्तर प्रदेश के किसानों को होगा। गेहूँ खरीद योजना का लाभ लेने के लिए किसान को उत्तर प्रदेश ई-क्रय प्रणाली से पंजीकरण कराना आवश्यक है। ऑनलाइन पंजीकरण के बाद कोई भी किसान अपने घर बैठे गेहूँ बेच सकता है। इस योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने हेतु एवं गेहूँ का उचित मूल्य देने हेतु की है।

 उद्देश्य-  इस योजना का मूल उद्देश्य यह है कि किसान को अपनी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर बेचने के लिए बाध्य न होना पड़े। किसान को उनकी उपज का उचित मूल्य प्रदान कर उनकी फसल खरीद करते हुए उन्हें लाभान्वित किया जाना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है।


लाभार्थी -सरकार किसानों का गेहूं अच्छे दामों पर खरीद रही है, जिससे किसानों को लाभ मिला है। गेहूँ खरीद हेतु सिर्फ एक बार ऑनलाइन पंजीकरण कराना है और फिर आप आसानी से अपने ग्राहक को तलाश करके अपने गेहूं को सही मूल्य पर बेच सकते हैं। इससे किसानों का पैसा भी बचेगा और गेहूं सही नाव में बिक जायेगा !


पात्रता - मापदण्ड योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति का किसान होना आवश्यक है। किसान के पास अपनी भूमि, बैंक खाता संख्या, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर होना आवश्यक है। महिला एवं लघु तथा सीमान्त किसानों को प्राथमिकता प्रदान की जाती है।


प्रक्रिया एवं आवश्यक दस्तावेज :- किसान को अपनी उपज विक्रय करने से पूर्व विभाग की साईट himap./www.fcs.up.gov.in पर अपना पंजीकरण कराना आवश्यक है। पंजीकरण के उपरान्त किसान को क्रय केंन्द्र पर संपर्क कर के कार्य दिवस में अपनी उपज की तौल करा कर दिए गए टोकन के क्रमानुसार 72 घण्टे के मीतर आर.टी.जी.एस के माध्यम से खाद्यान्न का मूल्य किसान के बैंक खाते में तरित कर दिया जाता है।।


* जीतवही / खाता नम्बर अंकित कम्प्यूटराइज्ड खतौनी

* आधार कार्ड/फोटोयुक्त पहचान पत्र की प्रतिलिपि ।

*. बैंक पासबुक की प्रतिलिपि ।

● एक पासपोर्ट साइज फोटो

लिंक - www.fup.gov.in


लाभार्थी द्वारा लाभ लेने के दौरान होने वाली प्रमुख समस्याएँ

* सरकार द्वारा तय सीमा उत्पाद से काफी है।

● केन्द्रों पर तय सीमा से कम फसल का ही रहा है।

● केन्द्रों द्वारा टोकन प्रणाली का उपयोग नहीं हो रहा है।

* बैंक द्वारा समय से भुगतान नहीं हो रहा है।

● केन्द्रों का सचालन सही समय पर नहीं हो रहा है।

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