सीएचओ (CHO) ने अपनी मांगों को लेकर एक घण्टे कार्य बहिष्कार कर काली पट्टी बांधकर किया विरोध प्रदर्शन
यूपी, बस्ती। एसोसिएशन ऑफ़ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के प्रदेश अध्यक्ष हिमालय कुमार के नेतृत्व में प्रदेश के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (CHO)ने अपनी प्रमुख मांग लॉयल्टी बोनस, नियमितीकरण, स्थानांतरण, PBI को मानदेय में जोड़ना, बीमा पॉलिसी सहित अन्य मांगो को लेकर ACHOUP द्वारा चलाये जा रहे महा आंदोलन में सोमवार को दूसरे दिन भी काली पट्टी बांधकर विरोध किया। जिसमें उत्तरप्रदेश के सभी CHO ने काली पट्टी बांधते हुए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर रहते हुए 01 घंटे का कार्य बहिष्कार समय (10AM -11AM )के बीच में किया।
सरकार से शांतिपूर्ण तरीके से मांग करते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों के प्रदेश नेतृत्व ने प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन की समय सारिणी जारी की है।
जिसमें 30 अक्टूबर को काली पट्टी बांध कर कार्य करना,
31 को काली पट्टी बांधकर एक घंटा कार्य बहिष्कार करना और पोस्टकार्ड अभियान चलाना,
01 नवंबर को काली पट्टी बांधकर 01 घंटे का कार्य बहिष्कार करना और पोस्टकार्ड अभियान चलाना,
02 नवंबर को काली पट्टी बांधकर 02 घंटे का कार्य बहिष्कार करना और पोस्टकार्ड अभियान चलाना, 03 नवंबर और 4 नवंबर को HWC पर रहकर ऑनलाइन ऑफलाइन रिपोर्टिंग से संबंधित सभी कार्य बंद करना एवं
6 नवंबर को लखनऊ में एकत्रित होकर आंदोलन में अपनी सहभागिता देना।
इन रणनीतियों के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने अपना विरोध प्रदर्शन आरंभ किया है।
बस्ती में चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत बस्ती जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने काला फीता बांधकर और एक घण्टे कार्य बहिष्कार करके विरोध प्रदर्शन किया। जिला अध्यक्ष प्रवेश पटेल, जिला महिला महामंत्री दीपिका पांडेय, जिला उपाध्यक्ष धनुषधारी, जिला महिला उपाध्यक्ष रीना वर्मा, महिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष पूजा यादव,जिला सलाहकार निरंकुश शुक्ला, जिला संरक्षक राकेश चौधरी,राधिका राना, रिचा जायसवाल, जिला प्रवक्ता आशुतोष चौधरी,जगदीन निषाद गुड़िया वर्मा, वर्षा,सुशील, राम बृक्च, चंद्रप्रकाश जायसवाल,जय सिंह, जूही वर्मा, मनीष पटेल आदि पदाधिकारियों के द्वारा बताया गया बस्ती जिले के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी आज काला फीता बांधकर और एक घण्टे कार्य बहिष्कार करके विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बस्ती जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का शोषण चरम पर है ब्लॉक से लेकर जिले स्तर तक के अधिकारी किसी न किसी विषय को लेकर सीएचओ का शोषण कर रहे हैं अगर सरकार हमारी मांगे नहीं पूरी करती है तो हम लोग संगठन के द्वारा घोषित कार्यक्रम के अंतर्गत आंदोलन करने के लिए विवश होंगे।