ऑनलाइन उपस्थिति व डिजिटाइजेशन के विरोध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
बस्ती। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ प्राथमिक संवर्ग की जनपदीय इकाई द्वारा प्रदेशीय आवाहन पर जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार निषाद के नेतृत्व में सैकड़ो शिक्षको व शिक्षिकाओं की मौजूदगी में डिजिटाइजेशन एवं ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया। जिला महामंत्री अटल बिहारी गौड़ ने कहा कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा 8 जुलाई से पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन एवं ऑनलाइन उपस्थिति देने का आदेश निर्गत किया गया है जो की तुगलक की फरमान है विभागीय अधिकारी वत अनुकूलित कच्छ में बैठकर बिना जमीनी हकीकत जान ही इस प्रकार के अविवाहित आदेश करते रहते हैं जिससे आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर किए बिना उसको लागू कर पाना संभव नहीं है। कार्यकारी जिलाध्यक्ष राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेशीय नेतृत्व द्वारा कई बार महानिदेशक स्कूल शिक्षा को ज्ञापन सौंपकर डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं को दूर करने की मांग की गई तथा 14 मार्च 2024 को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कार्यालय में धरना भी किया गया था। तब महानिदेशक द्वारा संगठन के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया गया था कि डिजिटाइजेशन से जुड़ी मौलिक समस्याओं के निस्तारण के पश्चात ही इसे लागू किया जाएगा। किंतु मांगे पूरी नहीं की गई, जिला संगठन मंत्री ने कहा कि विभागीय अधिकारी दमन पूर्वक डिजिटाइजेशन,ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था लागू करना चाहते हैं जिसका संगठन पुरजोर विरोध करता है। जिला कोषाध्यक्ष विनय प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि महासंघ विभागीय व सामाजिक दायित्वों के प्रति सजग रहकर छात्र हित व शिक्षा हित में इस आदेश का बहिष्कार कर रहा है। जब तक जायज मांगे पूरी नहीं हो जाती है तब तक ऑनलाइन उपस्थति, डिजिटाइजेशन स्वीकार्य नहीं है। जिला संयुक्त महामंत्री ने कहा कि प्रमुख समस्याओं का समाधान किए बिना ही विभागीय अधिकारियों द्वारा भय का वातावरण बनाकर डिजिटाइजेशन व ऑनलाइन उपस्थिति की व्यवस्था केवल बेसिक शिक्षा विभाग में ही लागू की जा रही है इससे पूरे प्रदेश का शिक्षक समाज स्वयं को अपमानित एवं ठगा महसूस कर रहा है। शिक्षकों में शासन व विभाग के प्रति व्यापक आक्रोश है।