कड़ाके की ठंड में बढ़ रहे पैरालिसिस व लकवा के मरीज, डॉक्टरों ने दी सतर्क रहने की सलाह

कड़ाके की ठंड में बढ़ रहे पैरालिसिस व लकवा के मरीज, डॉक्टरों ने दी सतर्क रहने की सलाह

(आनन्दधर द्विवेदी)

बस्ती। कड़ाके की ठंड के साथ ही पैरालिसिस, लकवा और फलिज के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार ठंड के मौसम में रक्तचाप बढ़ने और रक्त वाहिकाओं के संकुचित होने से यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है। आरके पांडे हॉस्पिटल बस्ती के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पी. के. पांडेय ने बताया कि सर्दी के मौसम में शरीर की नसें सिकुड़ जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और पैरालिसिस व लकवा जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। 


उन्होंने कहा कि इस मौसम में बीपी, शुगर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है। डॉ. पांडेय ने लोगों को सलाह दी कि वे पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी पिएं, नियमित रूप से दवाइयां लें, हल्का व्यायाम करें और तनाव से बचें। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि हाथ-पैर में अचानक कमजोरी, बोलने में परेशानी, चेहरे का टेढ़ा होना, हाथ-पैर में सुन्नपन, सिर भारी लगना या चक्कर आना जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ये लक्षण पैरालिसिस या लकवा के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।वहीं डॉ. बबिता पांडे, ने बताया कि अस्पताल में पैरालिसिस, लकवा और फालिज के मरीजों के लिए विशेष उपचार की व्यवस्था उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि समय पर इलाज से मरीजों की स्थिति में काफी सुधार संभव है।

अस्पताल के अन्य चिकित्सक डॉ. प्रवीण पांडे ने भी लोगों से अपील की कि विशेषकर वृद्धजन सर्दी के मौसम में अतिरिक्त सावधानी बरतें, क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। चिकित्सकों ने आमजन से अपील की है कि ठंड के मौसम में स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही न बरतें और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें।

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