भदेश्वरनाथ शिव मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन, गोकर्ण-धुंधकारी प्रसंग सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु

भदेश्वरनाथ शिव मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन, गोकर्ण-धुंधकारी प्रसंग सुन भाव-विभोर हुए श्रद्धालु


बस्ती। जनपद के भदेश्वरनाथ शिव मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा एवं ज्ञान महायज्ञ के दूसरे दिन कथा व्यास पं0 देवस्य मिश्र ने कलयुग में भागवत की महिमा व संकीर्तन के महत्व का उल्लेख किया। संगीतमयी भजन एवं कथा को सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे। इससे पहले आरती का कार्यक्रम हुआ। पूरे पंडाल में श्रोता भक्ति में लीन रहे। कथा व्यास पं0 देवस्य मिश्र ने भागवत भक्त, गोकर्ण व उनके भाई अधर्मी धुंधकारी के प्रसंग पर व्याख्यान किया।


उन्होंने कहा कि धुंधकारी गलत कार्यों में संलिप्त था, अकाल मृत्यु होने के कारण वह प्रेत योनि में चला गया। भाई गोकर्ण ने प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने के लिए सूर्य भगवान के बताए सूत्र पर श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया और भाई धुंधकारी को कथा सुनाई। इसके श्रवण से धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत महापुराण भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और तत्वबोध से भरा हुआ है। इस महापुराण के महात्म्य की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें तीन मुख्य संवाद, नारद और भक्ति संवाद, सनत कुमार और नारद संवाद व गोकर्ण और धुंधकारी संवाद के माध्यम से इसकी महिमा का विस्तार किया गया है। कथा व्यास पं0 देवस्य मिश्र ने बताया कि पहले संवाद में अर्पण की कथा, दूसरे में समर्पण की कथा और तीसरे में तर्पण की कथा है। श्रीमद् भागवत महापुराण के अनुसार जो कार्य समाज के लिए किया जाए वह अर्पण है, जो भगवान के लिए किया जाए वह समर्पण है, और जो पितरों के लिए किया जाए वह तर्पण कहलाता है। उन्होंने कहा कि जीवन में सत्य का ध्यान करना ही सबसे महत्वपूर्ण है, और यही सत्य भगवान कृष्ण का स्वरूप है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस कथा से स्पष्ट होता है कि कर्म, धर्म मनुष्य को संयमित और वेद रीति नीति से करना चाहिए। साथ ही भाई से रंजिश नहीं रखना चाहिए, क्योंकि आखिर में भाई ही भाई के काम आता है। कथा के दौरान भजन-कीर्तन का दौर में चला। पंडाल में पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। इस अवसर पर हर्षित शुक्ला, अनुराग मिश्रा, मुख्य यजमान हरि श्याम कसौधन तथा मुन्नी देवी, सियाराम गुप्ता, पिंटू कसौधन, मिंटू कसौधन, सिंटू, राजाराम, गुड्डू, राजू, दीपक डब्लू गुप्ता, कृष्ण कुमार कसौधन, आदर्श, सुशील गिरी तथा भदेश्वर नाथ मंदिर के अध्यक्ष राजेश गिरी सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।


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