3 लाख एंटीजन जांच में मिले हैं 7 हजार कोविड पॉजिटिव

3 लाख एंटीजन जांच में मिले हैं 7 हजार कोविड पॉजिटिव


एंटीजन जांच से मरीजों की पहचान हुई है आसान

यूपी,बस्ती।जनपद में हर रोज लगभग डेढ़ हजार लोगों की एंटीजन जांच की जा रही है। सात जुलाई तक लगभग तीन लाख लोगों की एंटीजन जांच की जा चुकी है, तथा जांच के बाद सात हजार से ज़्यादा कोविड पॉजिटिव सामने आ चुके हैं। जिनकी एंटीजन जांच निगेटिव आती है तथा उनमें कोविड के लक्षण होते हैं तो उन लोगों की आरटीपीसीआर जांच कराई जाती है। इसके अलावा जिन लोगों को विदेश यात्रा, इलाज आदि के लिए कोविड जांच प्रमाण पत्र की जरूरत होती है, उनकी आरटीपीसीआर जांच कराई जाती है। यह कहना है एसीएमओ डॉ. एफ हुसैन का।

डॉ. हुसैन ने बताया कि हर रोज जिले में लगभग डेढ़ हजार एंटीजन व लगभग ढ़ाई हजार जांच आरटीपीसीआर की हो रही है। एंटीजन जांच का परिणाम तत्काल मिल जाता है तथा आरटीपीसीआर का सैम्पल लेकर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज के लैब में भेजना पड़ता है। मेडिकल कॉलेज से सभी सैम्पल की रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। ऐसे में कोविड मरीज की तात्कालिक पहचान में एंटीजन जांच सबसे कारगर साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि जांच करने वाली सभी टीमों से कहा गया है कि वह किसी संभावित मरीज की सबसे पहले एंटीजन जांच करेगा। अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसी रिपोर्ट के आधार पर तत्काल उसका इलाज शुरू कराया जाना है।

बाहर से आने वालों की एंटीजन जांच पर है जोर

कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग रेलवे स्टेशन, शहर के बड़ेबन चौराहे पर टीम लगाकर महाराष्ट्र व सिद्धार्थनगर से आने वाले लोगों की जांच करा रहा है। एसीएमओ डॉ. हुसैन का कहना है कि सभी की सबसे पहले एंटीजन जांच की जाती है, उसमें से कुछ की आरटीपीसीआर जांच की जाती है। एंटीजन जांच की पॉजिटिव रिपोर्ट को फूल प्रूफ माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति व उसके परिवार में कोविड के लक्षण नजर आएं तो उसे तत्काल अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर सबसे पहले एंटीजन जांच करानी चाहिए। रोग का तत्काल पता लगने से मरीज का समय से इलाज शुरू किया जा सकता है तथा रोग के फैलाव को रोकने में सहायता मिलती है।



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