बस्ती: जिले में कुल 1272 टीबी मरीजों को लिया जा रहा है गोद

 गोद लेने वाले मरीजों का नियमित रूप से लेते रहे हालचाल

- विश्व क्षय रोग दिवस पर कलेक्ट्रेट में कार्यक्रम आयोजित

- जिले में कुल 1272 टीबी मरीजों को लिया जा रहा है गोद

बस्ती। विश्व क्षय रोग दिवस पर 1272 टीबी रोगियों को गोद लिया गया। टीबी दिवस पर यह पहल राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से शुरू हुई। गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। राज्यपाल व अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद का लाइव प्रसारण भी हुआ। 

जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कहा कि राज्यपाल की पहल पर क्षय रोगियों को गोद लेने की व्यवस्था प्रारंभ की गई है। यह एक अच्छी पहल है। हम सभी का प्रयास है कि क्षय रोगी भी जल्द स्वस्थ हों और अन्य स्वस्थ लोगों की तरह मुख्य धारा में जीवन यापन कर सकें। जो लोग क्षय रोगियों को गोद ले रहे हैं वह सभी नियमित फोन कर मरीज या उसके परिजन से हालचाल लेते रहें। 

सीडीओ डॉ. राजेश कुमार प्रजापति ने कहा कि वर्ष 2025 तक टीबी के खात्मे की दिशा में यह एक अच्छी पहल है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर ने कहा कि क्षय रोग एक गंभीर समस्या है लेकिन अब इस इलाज उपलब्ध है। समय से उपचार हो जाने पर यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। 

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके मिश्रा ने विश्व क्षय रोग दिवस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि क्षय रोग को तपेदिक या टीबी भी कहा जाता है। इसे प्रारंभिक अवस्था में ही नहीं रोका गया तो यह जानलेवा साबित हो जाता है। लक्षण महसूस होते ही इलाज शुरू हो जाना चाहिए। 

क्षय रोगियों की सेवा करना बड़ा अवसर 

गोद लेने वाले रोटरी क्लब ग्रेटर के एलके पांडेय, स्वंसेवी संगठन के अंबुज यादव मनोज सिंह ने कहा कि मुझे मानव सेवा की सीख अपने माता और पिता से मिली है। मैं अपने को बड़ा ही धन्य मानता हूं कि मुझे इन क्षय रोगियों की सेवा करने का अवसर मिल रहा है। पूरा प्रयास रहेगा कि इन रोगियों की दवा और जांच नियमित रूप चलती रहे। मरीजों को फूड सप्लीमेंट मिलता रहे।  

गोद लिए गए पचपेड़िया मार्ग निवासी एक मरीज ने बताया कि मुझे गत तीन माह से क्षय रोग है। जांच के बाद दवा और निक्षय योजना से 500 रुपये प्रति माह मिल रहा है। जब सब लोग मेरा इतना ध्यान देंगे तब तो मैं और जल्दी ही स्वस्थ हो जाऊंगा।  

टीबी ग्रस्त मरीज

जनपद में वर्ष 2018 में 5542 , वर्ष 2019 में 4902 , वर्ष 2020 में 4379 ,वर्ष 2021 में 5005 टीबी से ग्रसित मरीज तलाशे गए थे। इस वर्ष में अब तक दो हजार मरीज चिन्ह्ति किए जा चुके हैं। टीबी से ग्रसित मरीजों की स्क्रीनिंग में सरकारी कर्मियों के साथ स्वयं सेवी संस्थानों की ओर से सहयोग किया जा रहा है। 

रोगी खोजों अभियान हुआ शुरू

विश्व क्षय रोग दिवस से ही क्षय रोगियों को खोजने के लिए विशेष अभियान शुरू हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में यह अभियान 13 अप्रैल तक चलेगा। इसकी जिम्मेदारी मुख्य रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) संभालेंगे। अभियान के दौरान जिले में विभिन्न गतिविधियों के जरिए लोगों को क्षय रोग के प्रति जागरूक भी किया जाएगा। अभियान के दौरान टीबी के संभावित लोगों की एचआईवी और ब्लड शुगर की जांच होगी। नमूनों की माइक्रोस्कोपी सेंटर से जांच कर 24 घंटे में रिपोर्ट दी जाएगी। टीबी की पुष्टि होने पर रोगी को तत्काल ही सात दिन की दवा दे दी जाएगी। सीएचओ, आशा टीबी मरीज को हर माह दवाएं देंगी और लगातार मॉनिटरिंग करेंगी


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