क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए चलेगा विशेष अभियान
- विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च से प्रदेश में होगा आरंभ
- गोद लेने के लिए रोगियों की बनाई जाएगी दो श्रेणी
बस्ती। प्रदेश को क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए क्षय रोगियों को गोद लेने का प्रदेश व्यापी अभियान चलेगा। इसकी शुरूआत विश्व क्षय रोग दिवस यानि 24 मार्च से होगी। विभिन्न सामाजिक, शैक्षणिक संस्थाओं व गणमान्य नागरिकों को क्षय रोगियों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। गोद लेने के लिए रोगियों की दो श्रेणी बनाई जाएगी। 18 वर्ष से कम उम्र व महिला रोगियों को गोद लेने में प्राथमिकता दी जाएगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके मिश्र ने बताया कि राज्यपाल की प्रेरणा से शुरू हुए इस अभियान के संबंध में शासन की ओर से गाइड लाइन जारी की गई है। पिछले दो साल में रोगियों को गोद लेकर उन्हें क्षय रोग से लड़ने में सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इस सार्थक पहल को वृहद रूप देने के लिए यह विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है। एक माह तक चलने वाले इस विशेष अभियान में ज्यादा से ज्यादा रोगियों को गोद लेने के लिए संस्थाओं व नागरिकों को प्रेरित किया जाएगा। जनपद में ऐसे क्षेत्र जहां पिछले पांच साल में से क्षय रोगी चिन्ह्ति हुए हैं, उन क्षेत्रों में एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाकर छूटे रोगियों को चिन्ह्ति किया जा रहा है। वर्ष 2025 तक देश से टीबी के खात्में में यह अभियान काफी कारगर साबित हो सकता है।
अभियान की कामयाबी के लिए सीएमओ को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इसी के साथ पाक्षिक समीक्षा सीएमओ व सीडीओ द्वारा नियमित रूप से की जाएगी।
गोद लेने वालों की यह होगी जिम्मेदारी
डॉ. मिश्रा ने बताया कि गोद लेने वाली संस्था या व्यक्ति की जिम्मेदारी होगी कि वह रोगी को अपने परिवार के समान भावनात्मक सहयोग प्रदान करे। साथ ही अस्पताल से उपलब्ध कराई जा रही दवा बिना बंद किये संपूर्ण उपचार अवधि में खाने के लिए प्रेरित करता रहे। मरीज को बताए कि इलाज के बाद टीबी पूरी तरह से ठीक हो जाता है । कम से कम छह माह तक मरीज को पौष्टिक आहार की किट मुहैया कराता रहे। किट में एक किलोग्राम की मात्रा में मूंगफली, भुना चना, गुड़, सत्तू, तिल/गजक, हार्लिक्स/बार्नवीटा/काम्पलॉन आदि शामिल है।
63 रोगियों को दो साल में लिया गया गोद
वर्ष 2020 से क्षय रोगियों को गोद लेने का कार्यक्रम जिले में शुरू हुआ। डॉ. मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2020 में संस्था व एनटीईपी के जिला समन्वयक द्वारा कुल 33 मरीजों को गोद लिया गया। इसी प्रकार वर्ष 2021 में कुल 30 मरीज गोद लिए गए। इसका काफी अच्छा परिणाम सामने आया है। इस वर्ष उनका प्रयास होगा कि ज्यादा से ज्यादा 18 वर्ष तक के व महिला मरीजों को इस पहल से लाभांवित कराया जाए।
