संस्कृति की महत्ता समझें
समाज को आदर्श नागरिक देने में भारतीय संस्कृति की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारी संस्कृति, श्रेष्ठ परंपराएं, जीवन-मूल्य, महापुरुषों के आदर्श व ज्ञान-विज्ञान श्रेष्ठ मानव के निर्माण में काफी सहायक हैं। वर्तमान समय में सभ्यता और संस्कृति को एक-दूसरे का पर्याय समझा जाने लगा है। वास्तव में दोनों अलग हैं। सभ्यता का संबंध हमारे बाहरी जीवन से होता है। संस्कृति का संबंध हमारी सोच, चिंतन और विचारधारा से है। संस्कृति हमारी राष्ट्रीय निधि है। दुखद यह है कि भावी पीढ़ी में पाश्चात्य सभ्यता की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। अभी भी समय है, आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति के बारे में गंभीरता पूर्वक बताया जाए। चंद्रभूषण पांडेय, भरवलिया पांडेय, संतकबीर नगर

