पॉली ब्लाक के अध्यक्ष बने सुमित त्रिपाठी,महामंत्री बिंदु देवी,एफआरसीटी ने किया विस्तार,कोषाध्यक्ष बनाएं गए राहुल कुमार,ब्लाक पदाधिकारियों को मिली महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
यूपी, गोरखपुर। फास्ट रिलीफ चैरिटेबल ट्रस्ट (F.R.C.T.) गोरखपुर जिले के पाली ब्लॉक की कार्यकारिणी का गठन किया गया है।
जिला अध्यक्ष आदित्य भास्कर ने ब्लॉक कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को मनोनीत किया।
जिलाध्यक्ष ने बताया कि सुमित कुमार त्रिपाठी को अध्यक्ष,बिंदु देवी को महामंत्री एवं राहुल कुमार को कोषाध्यक्ष,प्रमोद सिंह को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, सुशील राज को संगठन मंत्री व कंचन लता मौर्या को संयुक्त मंत्री तथा शीप्पू सिंह को आईटी सेल प्रभारी बनाया गया है।
संस्थापक महेंद्र वर्मा एवं सह संस्थापक सदस्य गणों ने कहा कि एफआरसीटी पारदर्शी व्यवस्था और सेवाभाव के लिए दृढ़संकल्पित है।
बेटी विवाह शगुन योजना का हुआ शुभारंभ
प्रदेश टीम के गोरखपुर व बस्ती जिले के प्रभारी मो0 अयूब अंसारी ने कहा कि बेटी विवाह शगुन योजना के अंतर्गत अपने वैधानिक सदस्य की बेटी विवाह हेतु 5 लाख रुपये तक का आर्थिक मदद पूरे पारदर्शी और विश्वसनीयता के आधार पर किया जाएगा,जिससे बिटिया की बिदाई में परिजनों को आर्थिक सहयोग प्राप्त हो सके।
जिलाध्यक्ष आदित्य भास्कर ने बताया कि हम वादे में नहीं सार्थकता में विश्वास करते है।
कौन कौन सदस्य बन सकता है..
एफआरसीटी सर्वजन के लिए बनाया गया एक ऐसा स्वयं सहायता समूह है,जो आपसी भाईचारे और सहयोग की भावना से प्रेरित है। जिसमे समस्त विभागों के सरकारी व संविदा कर्मचारी,प्राइवेट सेक्टर के कर्मकार,डॉक्टर,इंजीनियर, मीडियाकर्मी,एडवोकेट,व्यवसाई,मजदूर,किसान,गृहिणी,छात्र आदि जो उत्तर प्रदेश के स्थाई निवासी हो या उoप्रo में कार्यरत हो सदस्य बन सकते हैं ,जिन्हें पारदर्शी और प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक लाभ पहुंचाया जाएगा ।
इलाज के लिए 5 से 10 लाख व दिवगंत सदस्य के नॉमिनी को 50 लाख तक के सहयोग का लक्ष्य..
जिला महामंत्री मनीष यादव व जिला संगठन मंत्री यूसुफ रजा ने बताया एफआरसीटी से जुड़े किसी सदस्य के निधन होने पर धरातलीय सत्यापन के पश्चात टीम के सभी वैधानिक सदस्यों द्वारा निर्धारित सहयोग धनराशि सीधे दिवंगत सदस्य के नॉमिनी के खाते में भेजकर पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए तक की आर्थिक मदद की जाएगी।
कोषाध्यक्ष अनुराग मणि त्रिपाठी जिला संयुक्त मंत्री डॉo जेoपीo मौर्या और उपाध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने बताया कि गंभीर रूप से बीमार या दुर्घटना में घायल सदस्य के इलाज में 5 से 10 लाख रुपए तक का आर्थिक मदद सीधे हॉस्पिटल में या पीड़ित के खाते में कराने का लक्ष्य है।