महाशिवरात्रि पर मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चप्पे - चप्पे पर पुलिस बल तैनात

 महाशिवरात्रि पर मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चप्पे - चप्पे पर पुलिस बल तैनात



बस्ती। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भोले बाबा के प्राचीन और पौराणिक मंदिर भदेश्वरनाथ धाम में सुबह से ही शिव भक्तों का तांता लगा रहा। रात 12 बजे मंदिर का कपाट खुला और फिर भोलेनाथ का श्रृंगार व आरती के बाद 12 बजे से ही जलाभिषेक शुरू हो गया। शहर के डारीडीहा चौराहा से लेकर मंदिर परिसर तक शिवभक्त ओम नमः शिवाय का जयकारा लगाते रहे। इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रही। वहीं सुरक्षा में लगी प्रशासन व पुलिस की गाड़ियां भी दौड़ती रहीं। अपर पुलिस अधीक्षक ओम प्रकाश सिंह भदेश्वर नाथ मंदिर पर स्वयं मेले की कमान संभालते नजर आए।


वहीं लोगों का मानना है कि यह मंदिर त्रेतायुगीन है। वहीं शिवपुराण में भी इस मंदिर का भद्र नाम से उल्लेख किया गया है। किंदवंतियों के मुताबिक रावण ने अयोध्या पर आक्रमण के दौरान विजय प्राप्त करने के लिए यहां भगवान शिव की अराधना के लिए शिवलिंग की स्थापना की थी। वहीं मंदिर के पुजारी राकेश गिरि का कहना है बस्ती के राजा ने 1734 में दो पुजारियों गंगा व जमुना को मंदिर में पूजा करने के लिए नियुक्त किया था। हम सब उन्हीं के वंशज हैं। 1927 में मंदिर का जीर्णोद्धार कर इसका वर्तमान स्वरूप दिया गया। मंदिर परिसर में शिव मंदिर के साथ ही माता पार्वती, नंदी का मंदिर व कुआनो तट पर देवरथ मंदिर भी स्थित है।

इसके साथ ही जिले के भारीनाथ, बेहिल नाथ, लोढेश्वर नाथ, जागेश्वरनाथ, दुःखक्षोर नाथ शिव मंदिरों पर सुबह से ही जलाभिषेक शुरू हो गया। शिवालयों में अर्धरात्रि से ही दर्शन करने के लिए श्रद्धालु पहुंचे। पूरा परिसर हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंजना शुरू हुआ तो दिन चढ़ने तक श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। श्रद्धालु भी आस्था से ओत-प्रोत दिखे।

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