अटल बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में संत गाडगे जयंती पर कार्यक्रम आयोजित
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने बताया कि संत गाडगे ने समाज में स्वच्छता और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रेरित किया। उन्होंने अपने जीवन में सफाई और समाज सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। वहीं, संत रविदास ने जातिवाद और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई और समानता एवं प्रेम का संदेश दिया। वक्ताओं ने दोनों संतों के विचारों को वर्तमान समय में भी प्रासंगिक बताया और समाज में उनके सिद्धांतों को अपनाने की अपील की।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईपीएस बीपी अशोक ने संतों के विचारों को आत्मसात करने और समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संत गाडगे और संत रविदास के विचारों को अपनाकर ही हम एक समतामूलक समाज की स्थापना कर सकते हैं। कार्यक्रम में आईएएस जय सिंह सहित कई प्रतिष्ठित अधिकारी, बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान ऑडिटोरियम में एक विशेष पुस्तक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जिसमें संत गाडगे और संत रविदास के जीवन, शिक्षाओं और योगदान से जुड़ी पुस्तकें प्रदर्शित की गईं। आगंतुकों ने इस प्रदर्शनी में गहरी रुचि दिखाई और संतों के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही।
कार्यक्रम के अंत में आयोजकों ने संत गाडगे और संत रविदास के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। समारोह में भाग लेने वाले लोगों ने संतों के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया और समाज में समरसता व सद्भाव बनाए रखने की अपील की।


