जीवन से अगर अंधकार को दूर करना है तो वेद का पढ़ना-पढ़ाना अत्यंत आवश्यक-पं0 विमल कुमार

 बस्ती । ज्ञान से ही अज्ञानता दूर हो सकती है। जीवन से अगर अंधकार को दूर करना है तो वेद का पढ़ना-पढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। आर्य समाज गांधी नगर बस्ती के 106वें वार्षिकोत्सव समारोह मंे हरदोई उत्तर प्रदेश से पधारे वैदिक प्रवक्ता पं0 विमल कुमार ने वेद एवं ईश्वर के विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ईश्वर को पाने का एकमात्र तरीका अष्टांग योग है। अष्टांग योग के माध्यम से ही ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है, उसके तमाम नियम हैं जिसका मनुष्य को अभ्यास करना होगा और एक अच्छे गुरू के सानिध्य में रहकर ही यह तरीका सीखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि बुद्धिपरक बातों को स्वीकार करने से जीवन का कल्याण होगा इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है।



उत्तराखण्ड से पधारे भजनोपदेशक पं0 देवशर्मा ने सृष्टि के निर्माण के विषय पर ईश्वर का गुणगान करते हुए भजन गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वैदिक प्रवक्ता रविन्द्र आर्य, कानपुर ने स्वामी दयानन्द सरस्वती के विषय में बताते हुए कहा कि अगर स्वामी दयानन्द सरस्वती न होते तो आज भारत रूढ़िवादिता के आडम्बर में डूबा रहता उसे यथार्थ का ज्ञान नहीं होता।

कार्यक्रम का संचालन सत्येन्द्र वर्मा ने किया। कार्यक्रम में मुरलीधर भारती, राधेश्याम सिंह, हरिहर मुनि प्रधान आर्य समाज, बृजकिशोर, सुभाष चन्द्र आर्य, देवव्रत आर्य, वेदप्रकाश सहित अनेकों आर्यभक्तजन उपस्थित रहे।

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